The statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj.Credit PTI File Photo
The statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj.Credit PTI File Photo

महाराष्ट्र की शान और मराठा साम्राज्य की ताकत के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 ऐतिहासिक किले जल्द ही UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स का हिस्सा बन सकते हैं। केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार इस ऐतिहासिक पहल को साकार करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।

मराठा साम्राज्य की गूंज अब UNESCO तक

भारत ने "मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स ऑफ इंडिया" को 2024-25 के लिए UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में नामांकित किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस महत्वपूर्ण घोषणा को शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर किया।

फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ पुणे जिले के जुन्नार स्थित शिवनेरी किले का दौरा किया, जो शिवाजी महाराज का जन्मस्थल है।

ये हैं वो 12 ऐतिहासिक किले

इस नामांकन के तहत चुने गए 12 किले शिवाजी महाराज के पराक्रम और रणनीतिक सैन्य कौशल के प्रतीक हैं:

  • साल्हेर किला
  • शिवनेरी किला
  • लोहगढ़ किला
  • खंडेरी किला
  • रायगढ़ किला
  • राजगढ़ किला
  • प्रतापगढ़ किला
  • सुवर्णदुर्ग किला
  • पन्हाला किला
  • विजयदुर्ग किला
  • सिंधुदुर्ग किला
  • गिंजी किला (तमिलनाडु)

मराठा साम्राज्य की युद्धनीति और किलों की ताकत

छत्रपति शिवाजी महाराज को 6 जून 1674 को रायगढ़ किले में छत्रपति की उपाधि दी गई थी, और यहीं से उन्होंने हिंदवी स्वराज्य की नींव रखी। मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति और उनके बेहतरीन किलेबंदी सिस्टम की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है।

ये किले केवल युद्ध के लिए नहीं थे, बल्कि ये विशाल साम्राज्य के प्रशासन और सुरक्षा का भी मुख्य केंद्र थे। ये किले सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला, कोंकण तट, दक्कन का पठार और पश्चिमी घाट के कठिन भौगोलिक हालातों को ध्यान में रखकर बनाए गए थे।

महाराष्ट्र के किलों की धरोहर

महाराष्ट्र में कुल 390 से अधिक किले हैं, लेकिन "मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स ऑफ इंडिया" के तहत केवल 12 किलों को नामांकित किया गया है। इनमें से 8 किले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित हैं।

क्या UNESCO की मंजूरी मिलेगी?

अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह न केवल महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाएगा, बल्कि पर्यटन को भी एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। दुनियाभर से आने वाले इतिहास प्रेमी और पर्यटक इन किलों को और करीब से जान सकेंगे।

छत्रपति शिवाजी महाराज के इन किलों का गौरव पूरी दुनिया में फैलाने का यह कदम मराठा विरासत को सहेजने की दिशा में एक बड़ा प्रयास साबित होगा! 🚩